Monday, December 11, 2017

Sindhi with Tamilian-Hindi and Bengali-Hindi

अजु माइय खे चयो मांस, “तुमको पूछना भूल गया, माशी, वह गरम पानी पीयेगा, अदरक वाला...” गैस सफा करे पयी, वात में परोठो बाक़ी हुयुस, चबायेंदे-चबायेंदे, मत्थो खबे-सजे पासे हिलायेंदे-हिलायेंदे चयें, “उम्हुम”... माँजी खिल्ल् निक्री वयी... माँ चयो माँस, “अच्छा हुआ, भईया के सामने नहीं पूछा!” त थोड़ी देर पो, कमरे में बोहारी पायेंदे, एक्सप्लेन करण लगी कि, “मैं पहला मटन-बिटन भी नहीं कायेगा, बच्चा को देखेगा न, सब बाहर में रकेगा, मेरा मम्मी बोलता, ‘यह अलग हो जायेगा, अलग हो जायेगा’, बोत गुस्सा करता, अभी मैं, गरम-गरम रहेगा तो तोड़ा मटन का लेगा, बस... तुम आच्छा देता है, वो मैं का लेगा न, बस, हो जायेगा|”

थोड़ी देर में माँ बुद्हायो माँस, “भईया को भी पसन्द नहीं है न, अदरक वाला पानी, मैं जबर्दस्ती पिलाता हूँ...”

पो पोछो लगायेंदे, दीवार साँ टिकी करे खिल्ली पयी, “ओह, इसके लिये!”

माँ चयो माँस, “सब लोग बोलता है ना चाय नहीं पीना चाहिये, इसके लिये”...

त चये ती, “नहीं अच्चा हे, अदरक का पानी अच्चा हे...”

माँ चयो माँस, “हाँ, सर्दी में तो आच्छा है ही, ना...|” (गुड़, अदरक और कुटी हुई काली-मिर्च वाला गरम पानी)

आहे साउथ-इंडीयन, तमिलियन, लेकिन मम्मी वारी बंगाली-हिन्दी समझी वेन्दी आ... खायण लाय कुछ ज्याँस त पुछ्दी आ, “क्या?” माँ एक्सप्लेन कयाँस त पसन्द वारी शै हुजेस, त झट चय्न्दी आ “कुच्छ बी दे-दे ना चलेगा, तुम अच्चा देते मेरको”... न त चयेंदी, “नहीं आज मेरा अच्चा नहीं हे/ नहीं, माँ, आज का के आया, नयी तो मैं बोलता तुमको” 

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